लिखे जो खत तुझे....
याद है वे दिन, जब हम बड़ी बेसब्री से खतों यानी पत्रों का इंतज़ार किया कराते थे, चाहे वह अपने प्रियजनों की चिट्ठी हो या नौकरी का कॉल लेटर या appiontment letter। कितने-कितने किससी होते थे इन ख़तो- किताबतों के भी।
खत लिख दे....
आज के समय में कौन लिखता है खत!
लिखे जो खत तुझे....
इसी विषय पर आज के बोले विभा में
आपने लास्ट कब और किसे चिट्ठी लिखी थी? याद कीजिये और बताइये न!
लेकिन, इसके लिए पहले इस लिंक पर जाइए। तभी तो आप हमारी बात सुन और देख सकेंगे और अपनी यादों से उसका मिलान कर सकेंगे।
तो लिंक है-
https://www.youtube.com/watch?v=5i2PNSJmjXQ&t=83s
3 comments:
हमलोगों की पीढ़ी खत लिखने की अंतिम पीढ़ी है !
ख़तों की बात ही निराली है।
जी संगीता जी। आप सही कह रही हैं। फिर भी, क्या पता, फिर से खत लिखने की शुरुआत हो जाए! आशा से आकाश थमा है। काल का पहिया घूमे रे भैया....
कृष्ण जी, आपकी बातों से पूर्णत: सहमत हूँ पत्रों की सुगंध आज भए एवाइसे ही है अपने एयादों में।
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