तो ये रही फणीश्वरनाथ रेणु की कथा "पुरानी कहानी नया पाठ"- 'बोले विभा' के तहत #यूट्यूबलाइव पर। आपकी राय, टिप्पणियों की प्रतीक्षा है। कल 11 अप्रैल था- #फणीश्वरनाथरेणु जी की #पुण्यतिथि। उनको स्मरण करते हुए आज यह कहानी।
आप सब जानते हैं, यह रेणु जन्मशती वर्ष है। फेसबुक पर कवि, पत्रकार विमल कुमार ने एक पेज बनाया है- मैला आँचल। सभी के लिए ओपें है। इसमें आप रेणु जी से संबन्धित बातें, लेख, कथा, कहानी आदि शेयर भी कर सकते हैं।
यह कहानी हमारे समय का फिर-फिर पुनरपाठ है। बाढ़, सूखा, आंधी, तूफान, भूकंप- ये सब प्राकृतिक आपदाओं से हम हमेशा घिरे रहते हैं। होता क्या है! जानकी वल्लभ शास्त्री के शब्दों में कहें तो
ऊपर ऊपर ही पीते हैं जो पीनेवाले होते हैं,
कहते ऐसे ही जीते हैं, जो जीनेवाले होते हैं।
कथा का थेयट्रीकल आनंद लेने के लिए इस वीडियो को पूरा देखिए। आपकी राय, टिप्पणी बहत मायनेपरक है हमारे लिए।
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