'माँ, तुम काम करो'
'माँ, तुम काम करो' एक आवाहन है हर स्त्री और लड़की के लिए कि वह अपने पैरों पर खड़ी हो। यह आत्मनिर्भरता की ओर उठनेवाला कदम है, जिनसे वह खुद भी सक्षम होगी और परिवार, समाज, देश और विश्व भी सक्षम होगा।
व्यावहारिक बात भी है कि घर में दो व्यक्ति कमानेवाले हों तो गृहस्थी की गाड़ी खिंचनी थोड़ी आसान हो जाती है। इससे हालांकि स्त्री पर श्रम का अतिरिक्त दवाब पड़ता है, मगर उसकी अपनी आत्मनिर्भरता उसके लिए सबसे बड़ा संबल होता है। श्रम सर्वेक्षण यह बताता है कि हमारे देश में स्त्री श्रम शक्ति का पूरा उपयोग नहीं हो रहा। अगर यह होने लगे तो हमारे देश के विकास की दर भी बढ़ेगी।
सामाजिक और मानसिक रूप से हमें इसके लिए तयार होने की जरूरत है, क्योंकि अभी भी लोग यह कहते मिल जाएंगे कि "औरत की कमाई खाने से बेहतर मर जाना है।"
तो भाइयो, मरिए मत! देश और दुनिया वैसे भी कोरोना के इस महा संकट से जूझ रहा है
आप सबकी जान बहुत कीमती है- आपके खुद के लिए। आपके प्रियजनों के लिए। देश के लिए और विश्व के लिए भी। बस, अपने को थोड़ा बदलें और घर की स्त्रियॉं को आर्थिक रूप से आत्म निर्भर बनाने में उनकी मदद करें।
महिलाओं और लड़कियो! आप भी अपने घेरे से बाहर आओ। आपका अपने पैरों पर खड़े रहना आपके लिए, आपके घर के लिए और प्रकारांतर से देश और विश्व के आर्थिक मजबूती के लिए बहुत ज़रूरी है
इस बात को देखिये यूट्यूब पर #बोलेविभा35 के इस एपिसोड में। आपकी राय व टिप्पणी का इंतज़ार रहेगा।
2 comments:
बढ़िया
बहुत बहुत धन्यवाद। बने रहें संग-साथ
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