शुभ सतुआनी!
सतुआनी मिथिला में मनाया जानेवाला एक अहम पर्व है। आज मेष संक्रांति के दिन इसे मनाया जाता है। देश में दो ही त्यौहार ऐसे हैं, जिनकी अँग्रेजी कलेंडर के मुताबिक भी तारीख फिक्स रहती है- अमूमन। एक- मकर संक्रांति यानी 14 जनवरी। और दूसरा- मेष संक्रांति यानी 13 अप्रैल। कभी कभी तिथि के फेर से यह 15 जनवरी या 14 अप्रैल हो जाता है।
देश भर में आज का दिन अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। सबसे अधिक हमारी स्मृति में आता है- पंजाब का बैसाखी का त्यौहार। इसके साथ ही याद आता है इतिहास का वह काला दिन- 1919 का, जब जनरल डायर ने जालियानवाला बाग का नृशंस हत्याकांड करवाया था। उन सभी शहीदों को नमन।
ओणम भी केरल में मनाया जाता है। ओणम सद्या अगर आपने खाया हो तो जिंदगी में कभी भी उसका स्वाद नहीं भूल पाएंगे।
मिथिला में आज का दिन सतुआनी के रूप में मनाते हैं। इसका विस्तार कल यानी अगले दिन जूड़ शीतल के रूप में मनाते हैं। जूड़ शीतल की जानकारी हम आपको कल देंगे। आ जायेगा यूट्यूब live पर दोपहर 12.30 बजे। हम इंतज़ार करेंगे।
चूंकि, भारत कृषि प्रधान देश है, इसलिए इसके सारे पर्व त्यौहार अमूमन फसल आधारित होते हैं। सतुआनी भी फसल आधारित पर्व है। कैसे हम इसे मनाते हैं, यहाँ इस वीडियो में देखें- #बोलेविभा के तहत। बताइएगा, कैसा लगा? चाहें तो अपने कमेंट्स यूट्यूब पर भी दे दीजिएगा तो हम आपके आभारी होंगे। subscribe कर लेंगे तो "हमर मोन गेंदा- गुलाब भ' जायत।! :)
तो, खाइये, खिलाइए। आनंद उठाइये।
5 comments:
खाइये, खिलाइए। आनंद उठाइये।
सतुआनी की अनंत शुभकामनाएँ !
आनन्दम
अच्छी जानकारी
शुक्रिया संगीता जी, कुमारेन्द्र जी, वंदन जी। आप सबके आने से हौसला बढ़ता है।
इस विषय मे आज ही जाना।
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