नि:शब्द!
जिस कार्यक्रम से आप
झूमते मुस्कुराते बाहर निकलें ,उस कार्यक्रम और उसके आयोजक को क्या कहेंगे?
कल 7 मार्च 2015 को ऐसा ही एक कार्यक्रम अवितोको रूम थिएटर की पहली वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में
आयोजित किया गया था मुंबई के मणिबेन
नानावटी महिला कॉलेज में.
सुबह का सत्र
डिस्कशन और बाद का सत्र कविता पाठ और सांस्कृतक कार्यक्रम का. इतना सुनियोजित, सादगीपूर्ण तरीके से मनाया गया … कही कोई खामी नहीं! सब समय पर !
मुझे भी इस
कार्यक्रम का हिस्सा बनने का सौभाग्य मिला। वरिष्ठ पत्रकार सुदर्शना द्विवेदीजी, डॉ. शशि शर्मा, मेनका शिवदासानी, सीमा कपूर और शशि दंभारे!
इन सबके साथ मंच पर बैठने का रोमांच वर्णन करना संभव नहीं।
अपनी गज़लों
से मन मोहनेवाली मालती जोशीजी! जिनके पिताजी अगर कवि सम्मलेन में हैं, तो भैय्या पास का जुगाड़ लगाने लग जाते थे, ऐसे आदरणीय शरद जोशी जी की बिटिया
वो नेहा शरद, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेत्री उषा जाधव राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता कॉस्ट्यूम डिजाइनर माला डे जी, युवा पायलट अदिति गुप्ता नागपाल, कवयित्री कविता
गुप्ता, शशि दंभारे, मनीषा लाखे, अर्चना जौहरी, छाउ डांसर और सिने एक्ट्रेस माधुरी भाटिया! इन सबके साथ दिन बिताना बहुत ही
रोमांचकारी रहा।
मेरे फेसबुक मित्र
मधु अरोड़ा, पत्रकार चण्डीदत्त शुक्ल से मिलना भी कम रोमांचकारी नहीं था।
कार्यक्रम में जान
फूंक दी झंकार और मेघा श्रीराम के मैथिली और झारखंडी लोक गीतों ने.…!
आज महिला दिवस में
क्या करूँ ,कैसे मनाऊँ ? कल के उल्लास से बाहर निकलूं तब ना ?
इस सबका सारा श्रेय विभा रानी, अजय ब्रह्मात्मज जी को! इतनी ऊर्जावान, प्रतिभावान होते हुए भी कितनी विनम्र !
दिमाग मन को सिग्नल देता है कि आदर भाव से उनके प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करने के लिए, जिन्होने ये मौका और क्षण उपलब्ध कराये।
आभार विभाजी …और बधाई हमारे अवितोको रूम थिएटर के जन्मदिवस की और शुभकामनाएं इसके तरक्की की।
इस सबका सारा श्रेय विभा रानी, अजय ब्रह्मात्मज जी को! इतनी ऊर्जावान, प्रतिभावान होते हुए भी कितनी विनम्र !
दिमाग मन को सिग्नल देता है कि आदर भाव से उनके प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करने के लिए, जिन्होने ये मौका और क्षण उपलब्ध कराये।
आभार विभाजी …और बधाई हमारे अवितोको रूम थिएटर के जन्मदिवस की और शुभकामनाएं इसके तरक्की की।
-पूर्णिमा अवस्थी
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