एक नोस्टालजिया था बॉबी फिल्म देखना। फिल्मों को लेकर यह दीवानगी आज दूसरे रूपों में हो सकती है, क्योंकि आज फिल्में देखने के बहुत से संसाधन हैं, साथ ही, मनोरंजन के भी ढेर सारे तकनीकी उपाय, जिनमें सोशल मीडिया प्रमुख है। लेकिन, तब हमारे पास केवल फिल्में ही रहती थीं, किताबों के अलावा।
ऋषि कपूर को हमने श्रीमान 420 और मेरा नाम जोकर में बाल कलाकार के रूप के बाद एक टीन मासूम रूप में देखा था बॉबी में। उसके बाद बहुत तो नहीं, लेकिन कुछ फिल्में देखीं, जिनमें कभी-कभी, और एक चादर मैली सी प्रमुख रही और धमाकेदार रही कर्ज़! लगभग दस मिनट का अगाना- मेरे उम्र के नौजवानों....! ओह! मेरे धड़कन अभी भी यह तेज आर देता है। ....आओके अनुभव! साझा कीजिये न! लेकिन, उसके पहले इसे जरूर देख लें #बोलेविभा49 में
3 comments:
इरफान खान पे भी कुछ लिखें विभा जी ।
हर दिल अज़ीज़ कलाकार जो हर किसी के दिल में ज़िंदा रहेंगे ... सुंदर प्रस्तुति ...
The Open Classes- इरफान पर सब लिख रहे हैं। मैंने सुतपा पर खुद को केन्द्रित किया। तीन एपिसोड सुतपा और इरफान पर दिए हैं। शायद आपकी नज़रों से गुजरे हों- बोले विभा यूट्यूब चैनल पर। आपके सुझाव के लिए बहुत बहुत आभार।
दिगंबर नासवा जी, आपका बहुत बहुत आभार।
आपलोगों के संग-साथ बने रहने से हौसला मिलता है।
Post a Comment