चलिए, आज एक निजी सवाल पूछती हूँ। जवाब देना आपके ऊपर है। लेकिन मेहरबानी से इसे धर्म, संस्कृति और परंपरा से मत जोड़िएगा और स्त्रियॉं का अपमान भी मत समझिएगा। आखिर, साकी हम बनती हैं, चखना हम तैयार करती हैं। प्लेट, ग्लास हम साफ करती हैं, तो हम शराब पी क्यों नहीं सकतीं? मर्ज़ी से पीना न पीना अपनी जगह है। जबरन बंदिश लगाना दूसरी बात। हम दूसरे पर बोल रहे हैं।
आपने पी है? कितना और किसलिए बुरा है स्त्रियॉं का शराब पीना और कितना जायज है पुरुषों का शराब पीना?
आइये, जरा चकल्लस करें।
आज #शराब के लिए लाइन लगी है तो इसको खरीदने के लिए लोगों के पास पैसे भी तो हैं न! अरे, आपने ही तो अपनी बचत के बारे में बताया है- चालीस दिन गाड़ी नहीं चलाई, बाहर-भीतर नहीं गए, होटल, मॉल नहीं गए, सोना-शर्ट नहीं खरीदा, मेहमानों की आवभगत नहीं की। तो, ये सब पैसे बचे न! तो उनका सदुपयोग करना चाहिए कि नहीं? तो कीजिये।
आज #बोलेविभा की 50वीं कड़ी है, यानी गोल्डन डे! आप सबके प्रेम मुहब्बत का परिणाम! ऐसे ही प्यार बरसाते रहिए, आते रहिए। हम वादा करते हैं, आपके पास आपके ही जीवन के आसपास की बातें लाते रहेंगे, आपके होठों पर मुस्कान की रेखा खींचते रहेंगे।
https://www.youtube.com/watch?v=aub1qp01w78
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