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Tuesday, May 5, 2020

क्यों पढ़ें हम सब सुतपा का खत!

सुतपा को जैसे-जैसे जान रही हूँवैसे-वैसे उनके लिए मेरे मन में प्रेम से ज्यादा श्रद्धा और विश्वास बढ़ रहा है। उनकी मजबूती मुझे हिम्मत दे रही है। उनके विचारों को पढ़ने के लिए मैं उनके पोस्ट पढ़ती रहती थी। अब भी पढ़ रही हूँ। 30 अप्रैल की ही उनकी पोस्ट है, अपनी प्रोफ़ाइल पिक को बदलते हुए, जिसमें उन्होने लिखा है- I have not lost I have gained in every which way....

सुतपा ने 1 मई को, जब सारी दुनिया अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मना रही थी, महाराष्ट्र भी महाराष्ट्र दिवस मना रहा था, यह फौलादी महिला अपने मन के लोहे को शब्दों की धार दे रही थी, हम सबको ताकत से लबरेज कर रही थी। उनका यह लिखना खासकर हर महिला, हर स्त्री के लिए शक्ति की आवाज है कि संकट के गाढ़े पलों में भी कैसे अपने आपको पानी की तरह तरल सरल और सहज, जो इरफान की बात है, बनाकर रख सकती है। 
हमने कई जगह पढ़ा कि आप इस खत को पढ़कर रो पड़ेंगे। जी हाँ, मन भीगता है। ज़रूर भीगता है। लेकिन, मैं इसे कहना चाहूंगी कि आपको इसे पढ़कर ताकत और हिम्मत मिलेगी। गाढ़े वक्त एन जन हिम्मत का पहाड़ दरकने लगता है, सुतपा का खत पढ़िएगा। आज ही नहीं, हर समय, जब जब हिम्मत जवाब देने लग जाए। हिम्मत के लिए पढ़िएगा। ताकत के लिए पढ़िएगा।
आप सबने अलग-अलग प्लेटफॉर्मों पर उनके दिल की यह बात सुनी होगी, देखी होगी। मैं इसे थोड़ी देर से आपके पास लेकर आ रही हूँ, क्योंकि मैं इसे अपने हृदय में पहले जज़्ब कर लेना चाह रही थी।

आइये, सुनते हैं, उनके मन के उद्गार। पहले मूल अँग्रेजी में, फिर उसके बाद हिन्दी में।  
https://www.youtube.com/watch?v=sJRmtwht7fE&t=16s

2 comments:

डॉ. जेन्नी शबनम said...

सुतपा के ख़त के भाव को अपने बहुत संजीदा तरीके से अभिव्यक्त किया है. सुतपा का ख़त बेमिसाल प्यार कि निशानी है, जिसे हम सभी मन से महसूस कर सकते हैं. बेहद खूबसूरत अंदाज़ से प्रस्तुति के लिए आपका अभिनन्दन.

Vibha Rani said...

बहुत बहुत धन्यवाद डॉ जेन्नी। बनी रहें संग-साथ। मुमकिन हो तो चैनल सबस्क्राइब कर लें।