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Wednesday, April 28, 2010

मुंबई ब्लॉगर्स मीट- बोलती तस्वीरें! भूल सुधार! माफी-माफी!बार-बार माफी!

भूल, भूल, बहुत बडी भूल! माफी, माफी, सबसे माफी! न कोई इरादा, न कोई मंशा, मगर भूल मंशे के साथ तो नहीं की जाती. छम्मकछल्लो की उतावली अपने पहले ब्लॉगर्स मीट की चन्द तस्वीरें ब्लॉग पर डालने की. आधी रात में उसे समय मिला, आधी रात में उसने डाल दी. एक तस्वीर में घुघुती जी की साइड प्रोफाइलवाली तस्वीर चली गई. छम्मकछल्लो ने उन्हें कहा था कि वह उनकी तस्वीर हर्गिज़ नहीं डालेगी, अगर वे नहीं चाहती. किसी के निजी जीवन की बातों की मर्यादा तो निभाई ही जानी चाहिये. मगर यह तस्वीर चली गई और यार लोगों को जैसे एक छुपा खज़ाना मिल गया. बच्चों से किलक उठे कि भई हां जी, हमने घुघुती जी आपको देख लिया. तस्वीर की जगह भी बता दी. छम्मकछल्लो शाम में ही ब्लॉग से मुखातिब हो पाती है. लेकिन शाम में घर जाने के रास्ते पर थीं कि एक भाई का फोन आ गया. छम्मकछल्लो ने कहा कि वह घर जा कर सबसे पहला काम यही करेगी. कि तभी एक दूसरे शुभचिंतक का आ गया. छम्मकछल्लो के कहने के बावज़ूद वे पांच मिनट तक अपनी अमृतवाणी से छम्मकछल्लो को आप्यायित करते रहे. फिर फोन रखा और फिर तुरंत फोन किया. नसीहत दी, फिर फोन धर्मपत्नी को पकडा दिया. आखिर उन्हें भी तो अपनी मर्यादा निभानी थी. पति और पत्नी दो अर्धांग मिलकर पूर्णांग बनते हैं, इसलिए दोनों की लानत-मलामत से छम्मकछल्लो कबीर के अनह्द नाद की तरह ऊपर से नीचे तक सराबोर हो गई. अभी वह ब्लॉग को एडिट कर रही है. घुघुती जी वाली तस्वीर निकाल दी है. अब छम्मकछल्लो अपने पूरे होशो-हवास के साथ पत्नी जी के आदेशों का पालन करते हुए यह माफीनामा लिख रही है. जान लीजिए कि उसका मकसद घुघुती जी को तस्वीर के माध्यम से जग जाहिर नहीं करना था. करना ही होता तो सामने के प्रोफाइलवाली कई तस्वीरें उसके पास हैं, वही लगा देती. लेकिन इतनी मर्यादा का तो उसे भी पता है. पर नहीं जी. शायद अपनी दुनिया में ऐसा नहीं होता. कहावत है- "छमा बडेन को चाहिये, छोटन को अपराध!" तो आप सब ब्लॉगर सुधिजन, इस नाचीज़ छम्मकछल्लो को मा कर दीजिये. क्षमा! क्षमा!! क्षमा!!!

भई, क्या हुआ, गर छम्मकछल्लो तनिक सुस्त है और झट से पोस्ट नहीं डाली. कहावत है ना कि देर आयद दुरुस्त आयद! शायद दिल बहल्लने को ग़ालिब ये ख़्याल अच्छा है. जब बात अपने से ना बने तो च्चा घालिब पर छोड दो. तो साहबानो, ये कोई पहला मीट नहीं था, गोय छम्मकछल्लो अलबता इस मुगालते में थी. हां, वह अपने जीवन के पहले ब्लॉगर्स मीट में थी. सारी बात रश्मि रविजा ने अपने ब्लॉग rashmiravija.blogspot.com पर लिखना ही दिया है. मैं उससे बेहतर तो लिखना नहीं पाऊंगी. बस, कुछ तस्वीरमय रिपोर्ट है. वो कहते हैं ना- "बोलती तस्वीरें. सबसे युवा ब्लॉगर कोशी भी थीं. दरअसल वह अपने स्कूल की यादें ताज़ा करने आई ठीक और अपनी हथेलियां फैला कर बता रही ठीक कि इस पोज़ में वह पिटाई खाने के लिए तैयार रहती थी. इस मीट की एक ज़द्दोज़हद यह भी रही कि घुघुती बासुती जी को कैसे कैमरे से अलग भी रखा जाए और उनकी तस्वीर न दिखाई जाए. और सबसे बडी बात यह कि जिस कारक के कारण इस मीट की व्यवस्था की गई थी, उसका ज़िक्र ही नहीं हुआ. और जब हुआ तो इतने चलताऊ तरीके से कि उसे आधे लोग रजिस्टर कर पाए, आधे नहीं. कारक नहीं बताएगी छम्मक्छल्लो. कभी-कभी कुछ बातों का छुपा रहना भी आनन्ददाई होता है. हूं...........! समझे?







20 comments:

Dev K Jha said...

अरे वाह!... मुम्बई के ब्लागर परिवार से मिलकर बहुत प्रसन्नता हुई । हम भी आएंगे अगली बार....

Anita kumar said...

badhiya tasveerein

Sanjeet Tripathi said...
This comment has been removed by a blog administrator.
स्वप्न मञ्जूषा said...

Rashmi ke blog par zabardast report to padh hi li thi yahan baki ki tasveer dekhne ko mili ...
bahuuuuuuuuuuuuut accha laga...
aapak dhanyawaad..

Udan Tashtari said...

रिपोर्ट तो पढ़ ली थी..यह तस्वीरें देख कर भी मन प्रसन्न हुआ. आभार.

Rohit Singh said...

वाह ब्लॉगर्स का मिलना जूलना जारी है.जानकर खुशी हुई.....अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर काम कर रहे एक विचार के लोगो को साथ लाने में ब्लॉगर मीट कामयाब हो रहा है...

दिनेशराय द्विवेदी said...

ब्लागर मीट का अपना महत्व है। तस्वीरें अच्छी लगीं।

अविनाश वाचस्पति said...

वाह विभा जी वाह

फोटुओं की नई आभा।

राजीव तनेजा said...

बढ़िया चित्रमयी रिपोर्ट के लिए आभार

विवेक रस्तोगी said...

तस्वीरमय रिपोर्टिंग बेहद सुन्दर

rashmi ravija said...

अरे वाह....बड़ी अच्छी तस्वीरें हैं...
@संजीत जी,
मैंने अपनी रिपोर्ट में कोशी और उसके ब्लॉग का बाकायदा उल्लेख किया है....हाँ, उसकी तस्वीरें नहीं ले पायी थी क्यूंकि वो काफी कम देर के लिए मीटिंग में थी...और फिर अपने दोस्तों से मिलने चली गयी थी...आभा जी चिंता भी कर रही थीं कि कोशी ने कुछ नहीं खाया.

वन्दना अवस्थी दुबे said...

वाह. बढिया तस्वीरें.

mamta said...

सभी फोटो अच्छी है ।

Vibha Rani said...

हे शुभचिंतको, सभी आपत्तिजनक टिप्पणियां भी हटा दी गई हैं. एक बहुत शिक्षाप्रद अनुभव! @अदा, उडन तशत्री जी, बोलेतोबिन्दास, दिनेश जी, अविनाश जी, राजीव, विवेक, ममता, रश्मि,अनिता जी, वन्दना- सभी और अन्य सभी के प्रति आभार!अविनाश जी, इस मीट में ही आकर पता चला कि आप मुंबई आए थे और एक मीट आयोजित हुआ था.

उम्मतें said...

विभा जी
किसी ब्लागर नें अगर उस तस्वीर को देख ही लिया हो तो ...उसे अनदेखा (डिलीट ) कैसे किया जाये ?...हमारा ख्याल है कि इस पोस्ट में कुछ और फोटोग्राफ्स भी एडिटिंग मांग रहे हैं !

PD said...

इधर चेन्नई से जो धुवाँ उठ रहा है उसकी तो किसी को फिकर ही नहीं है.. सब जला रहे हैं जब से ई मीट उट से लौटे हैं..

vandana gupta said...

रिपोर्ट तो पढ़ ली थी रश्मि जी के ब्लोग पर ..यह तस्वीरें देख कर भी मन प्रसन्न हुआ. आभार.

Vibha Rani said...

अली साब, दिल और दिमाग की एडिटिंग है यह!

सतीश पंचम said...

रश्मी जी के यहां रिपोर्ट पढ ही ली...यहां तस्वीरों ने उस रिपोर्ट को और करीब कर दिया।

ajay saxena said...

सुन्दर चित्रमयी रिपोर्टिंग के लिए आभार

from-www.cartoonistajay.blogspot.com