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Wednesday, August 5, 2009

मेरे भैया - राखी के इस पावन अवसर पर

मेरे भैया,
आज रक्षा बन्धन है. इस जगत की सभी बहनों का बडा प्यार भरा दुलार तुम तक पहुंचे. हम सब कितनी खुशकिस्मत हैं कि हमारे जीवन में भाई का प्रेम विद्यमान है. यह प्रेम जीवन भर बना रहे और इस प्रेम की फुहार से हमारी जीवन –बगिया सदा हरी-भरी बनी रहे, यही कामना है.
मेरे भैया, राखी बान्धने के एवज में तुम सब हम बहनों को नेग देते हो. इस बार भी दोगे, यह मेरा पक्का विश्वास है. बताऊं भैया, इस बार नेग में हमें रुपए- पैसे, साडी, गहने नहीं चाहिए. तुम्हारे आशीर्वाद से यह हम सबको मिल ही जायेगा, थोडा या ज़्यादा. आज के इस पावन अवसर पर यदि दे सको तो बस इसकी इज़ाज़त दे देना-
1 कि हम सबको अपनी इच्छा और आज़ादी से जो कुछ और जहां पढना चाहें, पढने देना.
2 कि हम सबको अपनी इच्छा और आज़ादी से जो कुछ बनना चाहें, बनने देना.
3 कि हम सबको अपनी इच्छा और आज़ादी से जो पहनना चाहें, पहनने देना.
4 कि हम सबको अपनी इच्छा और आज़ादी से जिसके साथ बात करना चाहें, करने देना.
5 कि हम सबको अपनी इच्छा और आज़ादी से जिस कैरियर को और जिस जगह पर जा कर बनाना चाहें, बनाने देना.
6 कि हम सबको अपनी इच्छा और आज़ादी से जब और जिससे शादी करना चाहें, करने देना.
7 कि हम सबको अपनी इच्छा और आज़ादी से जब और जिससे प्रेम करना चाहें, करने देना.
मेरे भैया,
और भी कि इस रक्षा बन्धन पर हमेँ यह वचन दो कि-
1 सभी लडकियों को मेरी ही तरह बहन समझोगे और उनकी इज़्ज़त का भी उतना ही ख्याल रखोगे, जितना मेरे मान- सम्मान का ख्याल तुम्हें रहता है.
2 जब कभी किसी लडकी को निर्वस्त्र करो, तो बस, एक बार मेरा चेहरा अपने तसव्वर में ले आना. अगर यह नही कर सको तो अपने ही जैसे किसी दूसरे भाई को मुझे निर्वस्त्र करने की इज़ाज़त दे देना. (ऐसी स्थिति में तुम भी मुझे निर्वस्त्र करोगे तो मुझे दुख नहीं होगा.)
3 कभी किसी लडकी के साथ बलात्कार करते समय भी मेरा ख्याल कर लेना. और अगर यह नही कर सको तो अपने ही जैसे किसी दूसरे भाई को मेरे साथ बलात्कार की सहमति दे देना. (यक़ीन मानो, ऐसी स्थिति में तुम भी मेरा शील हरण करोगे तो मुझे एकदम तकलीफ नहीं होगी.)
4 अपनी शादी के लिए बहुत सुन्दर लडकी की खोज मत करना. अगर करते हो तो ज़रा अपनी इस बदसूरत बहन का भी ख्याल कर लेना कि अगर हर कोई ऐसी ही हूर की परी चाहेगा तो तुम्हारी इन कुरूप और कम सुन्दर बहनों का क्या होगा?
5 भारतीय कानून के अनुसार अपनी पैतृक सम्पत्ति में से मुझे भी मेरा हक़ देना. अबतक तो हम सब तुमसे एक गठरी की आस में, तुमसे एक प्यार भरी नज़र पाने की उम्मीद में इस पर विचार नहीं करती आई हैं. पर इसका मतलब यह तो नहीं कि तुम अपने कर्तव्य का पालन ही भूल जाओ और हमें हमारे अधिकार से महरूम रखो.
6 हम लडकियों पर ही घर की सारी मर्यादा, सारी इज़्ज़त का भार मत डाल दो. मेरे किसी से प्रेम कर लेने से, मुझे किसी के द्वारा बेइज़्ज़त कर देने से तुम्हारे घर की सारी मर्यादा धूल में मिल जाती है, भैया मेरे, इस ज़िम्मेदारी से हमें मुक्त कर दो.
7 हमें अपने से कमतर ना समझो. हम भी तुम्हारी ही तरह इंसान हैं और तुम्हारी ही तरह हर तरह के गुण-दोष से लबरेज़.
8 और सबसे ऊपर, हमें लडकी और नारी के बन्धन में बांधने के बजाय हमें मनुष्य समझो और मुझ जैसी सभी से एक मनुष्य की तरह व्यवहार करो.
बस, यही मेरे भैया, बस. यही और इतना ही. बाकी तो कम लिखा, ज़्यादा समझना. हमें सचमुच इस बार पैसे, कपडे, गहने नहीं चाहिये. चाहो तो अपनी किसी भी बहन से पूछ लो. -तुम्हारी ही बहन.

8 comments:

Mithilesh dubey said...

विभा जी आपके इस भाई की तरफ से आपको राखी की ढेर सारी शुभकामनायें।

जब कभी किसी लडकी को निर्वस्त्र करो, तो बस, एक बार मेरा चेहरा अपने तसव्वर में ले आना. अगर यह नही कर सको तो अपने ही जैसे किसी दूसरे भाई को मुझे निर्वस्त्र करने की इज़ाज़त दे देना. (ऐसी स्थिति में तुम भी मुझे निर्वस्त्र करोगे तो मुझे दुख नहीं होगा.)
3 कभी किसी लडकी के साथ बलात्कार करते समय भी मेरा ख्याल कर लेना. और अगर यह नही कर सको तो अपने ही जैसे किसी दूसरे भाई को मेरे साथ बलात्कार की सहमति दे देना. (यक़ीन मानो, ऐसी स्थिति में तुम भी मेरा शील हरण करोगे तो मुझे एकदम तकलीफ नहीं होगी.)

विभा जी विश्वास करिये , मेरे पास कुछ कहने कर लिए शब्द नही आपकि इस रचना पे

समयचक्र said...

राखी पर्व की हार्दिक शुभकामनाये और बधाई

दिनेशराय द्विवेदी said...

रक्षाबंधन पर शुभकामनाएँ! विश्व-भ्रातृत्व विजयी हो!

रेखा श्रीवास्तव said...

जब कभी किसी लडकी को निर्वस्त्र करो, तो बस, एक बार मेरा चेहरा अपने तसव्वर में ले आना ..............
सबके लिए जो माँगा है न, उससे तो कम से कम उन लोगों को एक बार लज्जा आनी चाहिए, जो अपने प्रतिशोध के लिए बहन और बेटियों को हथियार बना लेते हैं. इस लेख ने और आपकी प्रस्तावित नेग ने तो रक्षा बंधन को सार्थक बना दिया.
यह लेख बहुत ही प्रशंसनीय प्रस्तुति है.

शोभना चौरे said...

bhut hi sateek lekh .bhaiyoko shubhkamnao ke sath achhi list.

rashmi ravija said...

bahut hi badhiya lekh hai...agar hindustan ke saare bhaiyon tak isme nihit sandesh pahunch jaaye phir ramrajya aate der kitni lagegi..

dev said...

english mein to ladies and gentlemen hota hai.magar hamare desh mein to neta log manch pe aate hi bhaiyo aur behno se sambodhit karte hain.phir unhi behno ko bhashan dete huye shayad apne khayalo mein nirvastra bhi kar dete honge.

Anonymous said...

You just categorized every boy as bad and every girl as good.... you need to improve this.... every guy is not just the same...