दो दिन पहले अखबार में ख़बर थी कि ब्रिटेन के पूर्व प्रधान मंत्री टोनी ब्लेयर की पत्नी चेरी ब्लेयर ने अपने पति पर आरोप लगाया कि उसके गर्भपात की संवेदनशील ख़बर को पति ने अपनी राज नीति के लिए इस्तेमाल किया। छाम्माक्छाल्लो खुश हो गई क्योंकि उसने अपनी किसी रचना में यह लिखा था कि अत्याचार या ज़ुल्म दिखाने के लिए पेट -पीठ पर जले का, हाथों के कटे-फटे का दिखाना ज़रूरी नही है। मन की मार बड़ी मारक होती है। इसे किसी को दिखाया भी नहिंजा सकता। इसके पहले अमेरिका के राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की khabarein आपको पाता ही है। अपने देश मेंयः सब saamaany है। फर्क सिर्फ़ इतना है कि वहां की पत्नियों में यह साहस है कि वे अपने पतियों के ख़िलाफ़ बोल सकें। यहाँ यह्दुर्लभ है। पति-पत्नी या किसी के प्रेम प्रसंग बाहर आ ही नहीं सकते, अगर वह राजनीति में हो। खूब सारे हंगामे, खूब सारे लोगों की जान कि बलि और जिनके बारे में लिखा जाए , वे तेल लगे चमड़े पर पानी की बूँद की तरह फिसला कर निकल लें।
छाम्माक्छाल्लो सोच रही है कि आख़िर पत्नियां होती किसलिए हैं? माना कि पति के हर सुख-दुःख में उसके कंधे से कंधा मिला कर चलने के लिए, मगर इसका मतालाब्यः तो नहीं कि उसे अपने काम केलिए इस्तेमाल कर लिया जाए। उसे समझाया जाए कि यह करना पति के हक के लिए कितना ज़रूरी है। चेरी लिखती हैं कि वे दर्द और रक्त स्राव से छातापता रही थीं, और टोनी उन्हें इस बात के लिए राजी कर रहे थे कि उअके गर्भपात कीखाबर का ज़ाहिर होना देश की राजनीति के किए कितना ज़रूरी है। उम्र के मध्य में पहुंचकर उनका गर्भ ध्हरण करना टोनी को एक फीकी सी टिप्पणी करवाता है- 'मैं निश्चित नहीं हूँ कि ५० साल की उम्र में मेंएन बाप बनाना चाहता हूँ कि नहीं।
छाम्माकछ्क्ल्लो एअसे में सोचने लग जाती है कि स्त्रियाँ कितनी मज़बूर हो जाती हैं पति का साथ देने के लिए,सिर्फ़ इस कारण से कि आखिरकार यह पति का मामला है और 'भला है, बुरा है, मेरा पति मेरा देवता है।' मान कर। अगर पश्चिम में सरी और हिलेरी भी ऐसा कराने ओइरउर सोचने के लिए मज़बूर हैं तो हम हिन्दुस्तानियों की तो बात ही और है। उन्हें तो घुट्टी में मिलाती है नसीहत और यह कि यही तुम्हारी नियति है। चेरी और हिलेरी, चाम्माक्छाल्लो क्या कहे आपसे और अपनी जैसी अन्यों से।
आपको कुछ लगता है तो बताएं.
1 comment:
kya aap yahi karti rahengi yaa kuch aur bhi dekhengi. iske alaawa bhi duniya mein bahut gham hain.
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