पति पत्नी पर जोक्स चलते रहते हैं। सभी उनका बढ़ चढ़कर आनंद उठाते हैं। छम्मकछल्लो इन्हें थोड़ा उल्टा पुल्टा कर देती है। आप दोनों जोक्स पढ़ें। उलटे रूप पर भी उतनी ही तेज़ हंसी आए तो हंसिए। अगर नहीं, तो ऐसे जोक सुनना सुनाना या इन पर हंसना हंसाना बंद करें। फिलहाल ये पढ़ें-
शादी की 10वीं सालगिरह पर पत्नी पुलकित होकर बोली:
"आप बिलकुल भी नहीं बदले। वैसे के वैसे ही भोले-भाले, वैसे ही शांत, एकदम पहले जैसे ही हैं।"
पति भी भावुक होकर बोल उठा:-
"जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करि सकत कुसंग।
चन्दन विष व्यापत नहीं, लिपटे रहत भुजंग।।"
(पति का इलाज़ चल रहा है।)
😝 😗 🙊 🤓 😫 🤕
शादी की 10वीं सालगिरह पर पति पुलकित होकर बोला:
"तुम बिलकुल भी नहीं बदली। वैसी की वैसी ही भोली-भाली, वैसी ही शांत, एकदम पहले जैसी ही हो।"
पत्नी भी भावुक होकर बोल उठी:-
"जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करि सकत कुसंग।
चन्दन विष व्यापत नहीं, लिपटे रहत भुजंग।।"
(पत्नी का इलाज़ चल रहा है।)
😝 😗 🙊 🤓 😫 🤕
शादी की 10वीं सालगिरह पर पत्नी पुलकित होकर बोली:
"आप बिलकुल भी नहीं बदले। वैसे के वैसे ही भोले-भाले, वैसे ही शांत, एकदम पहले जैसे ही हैं।"
पति भी भावुक होकर बोल उठा:-
"जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करि सकत कुसंग।
चन्दन विष व्यापत नहीं, लिपटे रहत भुजंग।।"
(पति का इलाज़ चल रहा है।)
😝 😗 🙊 🤓 😫 🤕
शादी की 10वीं सालगिरह पर पति पुलकित होकर बोला:
"तुम बिलकुल भी नहीं बदली। वैसी की वैसी ही भोली-भाली, वैसी ही शांत, एकदम पहले जैसी ही हो।"
पत्नी भी भावुक होकर बोल उठी:-
"जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करि सकत कुसंग।
चन्दन विष व्यापत नहीं, लिपटे रहत भुजंग।।"
(पत्नी का इलाज़ चल रहा है।)
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