Tensions in life leap our peace. Chhammakchhallo gives a comic relief through its satire, stories, poems and other relevance. Leave your pain somewhere aside and be happy with me, via chhammakchhallokahis.
Thursday, September 2, 2010
chhammakchhallo kahis: परम्परा की लूट है, लूट सके सो लूट!
chhammakchhallo kahis: परम्परा की लूट है, लूट सके सो लूट!: "छ्म्मकछल्लो को अपने देश के रीति रिवाज़ पर बडा नाज है. जब अपने लोगों को इस रीति नीति के पालन में तत्परता से जुटे देखती है तब उसका दिल बाग-बाग ..."
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