आज मां की बहुत याद आ रही है. उनके लिए बहुत पहले लिखी थीं कुछ पंक्तियां.
निष्ठा, ममता, दृढता, समता
अपनेपन की मूरत से
जीवन में भर गई उजाला
शक्ति, प्रेरणा, करुणा से
मां होती जब पास किसी के
शक्ति स्वरूप बन जाती है
देकर मन की सारी पूंजी
जीवन ज्योति जगा जाती है.
निष्ठा, ममता, दृढता, समता
अपनेपन की मूरत से
जीवन में भर गई उजाला
शक्ति, प्रेरणा, करुणा से
मां होती जब पास किसी के
शक्ति स्वरूप बन जाती है
देकर मन की सारी पूंजी
जीवन ज्योति जगा जाती है.
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