विधवापन स्त्री की मनोवांछित
अभिलाषा नहीं, अपितु,
नियति का एक मजाक है. इस मजाक की शिकार स्त्रियां आज भी विधवापन के अभिशाप को जीवन
भर ढोती रहती हैं. भारतीय मिथक से अलग एक धारणा बना दी गई है कि विधवाओं का
पुनर्विवाह नहीं होता. किस धर्म के तहत?
यह आज भी अनुत्तरित है. यह विधवाओं का प्रश्न है कि क्या वे विधवा अपने मन से बनीं
हैं?
एक ओर भारत विश्वव्यापी देश
बन रहा है और दूसरे ओर अपने ही घर में स्त्रियां प्रताडित हो रही हैं. देश
में विधवाओं की स्थिति आज भी दयनीय बनी हुई है. विधवाओं की स्थिति को दर्शाता विभा
रानी लिखित व अभिनीत एकपात्रीय नाटक “बिम्ब-प्रतिबिम्ब” का मंचन 30 अगस्त,
2011 को मुंबई के नानावती महिला कॉलेज की छात्राओं के लिए किया गया. नाटक एक सत्य पात्र
बुच्चीदाई की ज़िंदगी और उसके माध्यम से उसके समय के ताने-बाने और उसमें छटपटाते एक
विधवा मन की भावनाओं को दर्शाता है. दुख लोगों को तटस्थ और मजबूत दोनों बनाता है. नाटक
की मुख्य किरदार बुच्चीदाई अपने एक खालिस व्यक्तित्व के रूप में नज़र आती है, जो
खुद तो जीवन भर विधवा बनी रहने को अभिशप्त रहीं, मगर
अन्य किसी को दूसरी बुच्चीदाई नहीं बनने देती है. विभा के मंजे हुए अभिनय ने एक ओर
जहां बुच्चीदाई की पीर को पूरी शिद्दत से उभारा, वहीं
उसके जीवन के कई मनोरंजक प्रसंगों पर दर्शकों को हंसाया और गुदगुदाया भी. परंतु, हर
हंसी के पीछे एक स्थिति थी, जिसे दर्शक
समझे बिना नहीं रह सके.
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निर्देशक के रूप में सीमा कपूर
ने इस नाटक को एक नया स्वरूप दिया. संगीत धनराज का था. बैक स्टेज संभाला राकेश जायसवाल
ने.
आज एक बडा तबका है हर आयु वर्ग
का, जो थिएटर से एकदम अंजान है. वह फिल्म और टीवी से
परिचित है, मगर नाटक के रूप में स्कूल-कॉलेज के नाटकों से आगे
नहीं बढा है. ऐसे में, अपने
प्रोसेनियम रूप से अलग हटकर “थिएटर –जन जन तक” और “थिएटर- एक शिक्षण टूल” की
अवधारणा के संग विभा और उनका ग्रुप अवितोको आज कॉलेज की छात्राओं के सामने प्रस्तुत
हुआ. शो के बाद छात्राओं के सवाल-जवाब भी हुए, जो
इस शो का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा.
एक्सपेरिमेंटल थिएटर के साथ विभा
यह नाटक कालाघोडा आर्ट फेस्टिवल, 2010 में आरम्भ
करने के बाद इसके कई शो अलग-अलग कॉर्पोरेट हाउसेस में हुए. इसका एक शो मुंबई जिला जेल
की महिला बंदियों के लिए भी किया गया है.
अवितोको नाटक के माध्यम से कॉर्पोरेट
प्रशिक्षण और व्यक्ति-विकास व मन-परिवर्तन पर भी काम करता है. सम्पर्क सूत्र- gonujha.jha@gmail.com/
+919820619161.
- रंग जीवन:संग
जीवन