chhammakchhallokahis

रफ़्तार

Total Pageviews

छम्मकछल्लो की दुनिया में आप भी आइए.

Pages

www.hamarivani.com
|

Sunday, November 8, 2009

अंतर्राष्ट्रीय महिला नाट्य लेखक यानी WPI (WOmen Playwright International) कॉंफ्रेंस में नाट्य पाठ

http://www.artnewsweekly.com/substory.aspx?MSectionId=1&left=1&SectionId=15&storyID=105

http://hindi-khabar।hindyugm.com/2009/11/vibha-raji-natak-path-wpi.html

छम्मकछल्लो के बेहद चर्चित नाटक "दूसरा आदमी दूसरी औरत" का नाट्य पाठ 6 नवम्बर, 2009 को दोपहर 12 बजे मुंबई में स्त्री मुक्ति संघटना एवं एकेडेमी ऑफ थिएटर आर्ट, मुंबई विश्वविद्यालय के सौजन्य से 1-7 नवम्बर, 2009 तक आयोजित WPI (WOmen Playwright International) यानी अंतर्राष्ट्रीय महिला नाट्य लेखक कॉंफ्रेंस में हुआ. प्रेम और सम्बन्ध के एक नए रूप पर आधारित इस नाटक का पाठ विभा रानी एवं अजय रोहिल्ला ने किया. विवाहेतर सम्बन्ध न तो आज के समय की देन है, न शरीर की ज़रूरत और मन की फिसलन का परिणाम. यह मन की अतृप्ति की एक अभिव्यक्ति है. प्रश्न यह नहीं है कि यह सम्बन्ध हुआ कैसे और क्यों हुआ? सवाल यह है कि इस सम्बन्ध का परिणाम क्या हो जो घर, परिवार को भी बनाए रखे और सम्बन्ध को भी. इसी की पडताल और विवेचना करता है यह नाटक.
विभा रानी हिन्दी और मैथिली की लेखक, नाट्य लेखक, नाट्य समीक्षक, रंगमंच अभिनेत्री व सामाजिक कर्मी हैं. अबतक उन्होंने 10 से अधिक नाटक लिखे हैं, जिनमें से दो नाटको "आओ तनिक प्रेम करें" तथा "अगले जनम मोहे बिटिया न कीजो" को "मोहन राकेश सम्मान" से सम्मानित किया जा चुका है. विभा रानी लिखित व अभिनीत दो एक पात्रीय नाटक "लाइफ इज नॉट ए ड्रीम" का मंचन फिनलैंड, मुबई तथा राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव, रायपुर में तथा "बालचन्दा" का मंचन काला घोडा फेस्टिवल, मुंबई में किया जा चुका है. उनके अन्य एक पात्रीय नाटक "ऐ प्रिये, तेरे लिए" का मंचन मुंबई में हो चुका है. विभा रानी अभिनीत ताज़ातरीन नाटकों में से है डॉ. नरेन्द्र मोहन लिखित नाटक "मि. जिन्ना", जिसमें वे जिन्ना की बहन फातिमा की भूमिका में हैं. "दूसरा आदमी दूसरी औरत" का मंचन 2002 में भारतीय रंग महोत्सव, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में राजेन्द्र गुप्ता व सीमा बिश्वास द्वारा तथा मुंबई में इसका रंगपाठ राजेन्द्र गुप्ता व नीना गुप्ता द्वारा किया जा चुका है. विभा रानी ने अबतक 12 से अधिक किताबें लिखी हैं तथा "कथा" अवार्ड सहित कई पुरस्कार पा चुकी हैं.
अजय रोहिल्ला थिएटर के एक जाने माने अभिनेता, निर्देशक हैं. "दुलारीबाई", "सावधान पुरुरवा", "विदूषक", "चिट्ठी", खालिद की खाला", "मौली" जैसे नाटकों में अभिनय किया है. सभी प्रमुख संस्थानों, जैसे साहित्य कला परिषद, उर्दू अकादमी, संगीत नाटक अकादमी, शाकुंतलम थिएटर आदि द्वारा आयोजित थिएटर फेस्टिवलों में एक निर्देशक के रूप में भाग ले चुके हैं. वे दिल्ली विश्वविद्यालय, गोवा कला अकादमी के विजिटिंग फैकल्टी रह चुके हैं. देश भर में ये थिएटर वर्कशॉप लेते हैं. अजय द्वारा अभिनीत कुछ महत्वपूर्ण फिल्में हैं- "बैंडिट क्वीन", "डॉ. अम्बेदकर", "गंगाजल", "मंगल पाडेय", "वारियर" आदि. अबतक 11 लघु फिल्में बन चुके अजय की एक फिल्म पिछले साल 2008 के सिंगापुर फिल्म फेस्टिवल में नामित हुई थी.
इस नाट्य पाठ में बडी संख्या में लोगों ने भाग लिया. आज के जीवन के एक बेहद निजी यथार्थ की बेहद प्रवाहमई और काव्यमई भाषा में प्रस्तुति को श्रोताओं ने बहुत सराहा.

1 comment:

pratima sinha said...

पहले ये अह्सास कम था,मगर बीते कुछ अरसे से इसकी शिद्दत बढ्ती जा रही है कि मुंबई से दूर रह कर मैं कितना कुछ मिस कर देती हूँ.काश मैं होती और इस नाट्यपाठ का रसास्वादन कर पाती.