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Monday, June 1, 2020

भिडु, बोले तो खाली पीली भांकस नई करने का! ...यज्ञ शर्मा अंकल आएला है।

यज्ञ शर्मा- देश और मुंबई का मस्त व्यंग्य लेखक। आज वो भाई ये दुनिया में नई, पण आज उस भाई का जन्मदिन है। उसकू जन्मदिन मुबारक और आप सबका सामने भाई का लिखा एक satire आपका वास्ते।
आज व्यंग्य का बहुत सारा डॉन भरेला है हिन्दी में। फेसबुक पर भाई का बारे में व्यंग्य का हमारा दूसरा डॉन भाई प्रेम जनमेजय लिखता है-
"आज यज्ञ शर्मा बहुत याद आ रहे हैं। आज उनका जन्मदिन है।
हिंदी व्यंग्य का यह एकांत यात्री अपनी शालीनता में बरसों बरस साहित्यिक दुनिया मे एकांतवास को जीता रहा। धर्मयुग के पन्नो और नवभारत टाइम्स के खाली पीली स्तम्भ को समृद्ध करने वाले इस रचनाकार ने कभी अपने समृद्ध साहित्य का ढिंढोरा नहीं पीटा।व्हाट्सएप एवं फेसबुक के युग मे जहां सुबह 5 बजे से रात ग्यारह बजे तक अपनी रचनाओं का न केवल थोक वितरण करते है अपितु आत्ममुग्ध शैली में सूचनाओं का अंबार रचते हैं, यज्ञ शर्मा इससे निस्पृह थे।
व्यंग्य यात्रा ने उनपर विशेषांक प्रकाशित किया था जो बाद में दिल्ली पुस्तक सदन ने पुस्तकाकार प्रकाशित किया।
वैसे तो साहित्य की दुनिया की स्मृति बहुत क्षीण है, पर उनके मुंबई ही नही देश विदेश में फैले इसे क्षीण नहीं होने देंगे।
आज विभा रानी ,अपने यू ट्यूब चैनल में, बोले विभा के अंतर्गत, यज्ञ शर्मा की रचनाएं प्रस्तुत कर रही हैं।
प्रेम भाई भोत प्रेमिल है। हमारा बारे में भी लिख दिया। अपुन बहुत खुश है आज। इस खुशी में ये चैनल सभी को फ्री में। प्रेम भाई लिखता है- जी!अपने अंदाज में आपने यज्ञ शर्मा का अंदाज़ याद दिला दिया। हिंदी साहित्य में अग्रजों के लिए उड़ाए गए शाल कैसे समस्या बनते हैं, यज्ञ शर्मा के रोचक व्यंग्य को आपने बढ़िया पढ़ा। यज्ञ जी की यह बात की भाषा संवाद का मध्य की आपने बेहतरीन तरह से रेखाकित किया
एक और डॉन भाई लालित्य ललित लिखता है- "अद्भुत व्यक्ति थे,जब उनके फोन आते थे, लम्बी बातें करते थे।उनकी समझ व्यंग्य के प्रति निष्कपट टाइप थी।आजकी राजनीति को भी वे जानते समझते थे, पर राजनीति को दूर रखकर अपने काम में लगें रहते थे।उनकी स्मृति को सादर नमन। " लालित्य भाई अपुन का भी तारीफ किएला है। उनाकू भी जादू वाला झप्पी। 
प्रेम भाई का पोस्ट देखेने का। उसपर भोत सारा लोग लिखेला है। Rajendra Sehgal भाई लिखता है- यज्ञ शर्मा का लेखन विपुल और गुणवत्ता से परिपूर्ण है । एक व्यंग्यकार के व्यक्तित्व में जो विशेषताएं उसके लेखन को तीखा बनाने में सहायक होती हैं उनमें बडी हद तक मौजूद रहीं हैं । उम्मीद है उनके व्यक्तितव कृतित्व पर लिखा मेरा लेख भी शामिल किया गया होगा ।उनकी स्मृति को नमन ।

अभी हम जास्ती नहीं लिखेंगा। आप ये वीडियो देखो। 
सुनना, लाइक करना, subscribe, शेयर, कमेन्ट करना मांगता। समझा भिडू! ये रहा लिंक- https://www.youtube.com/watch?v=kTYJkmGs_2c
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