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Sunday, April 19, 2020

क़ैद में है बुलबुल

क़ैद में है बुलबुल

आपको कल से कार्यस्थल पर आने के लिए कहा गया है? लकी। कैद से छुटकारा। है ना! आप ही तो कहते रहे हैं, रो-रो कर गाते और गा- गाकर रोते हुए-

"क़ैद में है बुलबुल, सैयाद मुस्कुराए,
कहा भी न जाए, चुप रहा अभी न जाए।"

आपके लिए एक ऐतिहासिक दिन रहेगा। नोट करके रखना मत भूलिएगा। अपने जीवन का इतिहास इसी तरह बनाता है।

और यह भी तो बताइये कि तैयारी कैसी रहेगी आपकी इस कैद से छूटने के लिए!

नहीं पता? आइये मेरे साथ और देखिये, बोले विभा 33 में- पूरे उत्साह से।

उम्मीदें हों ऐसी कि छूटे न हाथ।
मन में बसे ऐसे कि छूटे न सांस।

2 comments:

  1. आ नहीं पा रहे है , माफ करना हम दिल से जुड़े हैं ।

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  2. दी, कोई बात नहीं। आज आपकी पोस्ट ने चिंतित कर दिया है। अपना ख्याल रखिए।

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