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Tuesday, April 14, 2020

शुभ जूड़ शीतल

शुभ जूड़ शीतल!
आज मिथिला का पर्व है- जूड़ शीतल। आज #बासी #खाना खाने का दिन है। हर दिन तो आप ताज़ा खाना खाते ही हैं। एक दिन बासी खाइये, ताकि आपके #चूल्हे को आराम मिले। #प्रकृति को आराम मिले। #प्रकृति को #शीतल रखना मतलब, #प्राकृतिक #आपदाओं से बचे रहने की #चाहत। जूड़ माने अत्यधिक शीतल- यह प्रकृति की मांग है। इस मांग के साथ #मिथिला का यह #पर्व है। फिर से आप सभी को खूब खूब शुभ हो यह पर्व- #जूड़शीतल!

"जूड़ शीतल बैसाख मास में, घरे-घर मनबियौ ने, सभ दिन टटका खेबे करई छी, एक दिन बसिया खइयौ ने।"

मिथिला के नव वर्ष का यह पर्व लगातार दो दिन मनाया अजाता है- सतुयानी के रूप में कल मनाया गया और सतुआनी की शाम से आज रात भर जूड़ शीतल। संग-संग पतंगबाजी, फिल्में और हूरा-हूरी का खेल भी, जिसे धुर खेली यानी धूल का खेल भी कहा जाता है।

आइये, देखिये, कैसे यह मनाया जाता है। लिंक है- https://youtu.be/bNqZ8W27Osk

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5 comments:

  1. आपको भी शुभकामनायें

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  2. बहुत नीक जानकारी दीदी । जूड़शीतल के शुभकामना अहूँ के ।

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  3. जय मिथिला

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  4. यहाँ उत्तर प्रदेश में शीतलाष्टमी होती है , जिस दिन बासी खाना रख कर देवी की पूजा होती है और वही खाया जाता है ।

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  5. सभी के प्रति आभार। रेखा दी, मुझे शीतलाष्टमी की जानकारी दीजिये न!

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