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Saturday, May 3, 2008

१ मई को सलाम!

१ मई छाम्माक्छाल्लो के लिए बहुत मायने रखता है। विश्व मज़दूर दिवस और महाराष्ट्र दिवस के अलावे भी यह उसके लिए अहम् है। १ मई,2001 को ही उसने अपनी संस्था 'अवितोको' की आधार शिला रखी. आज अवितोको ७ साल का हो गया। अवितोको का जन्म उसके ३रे बच्चे कि तरह ही है। न कोई शोर- शराबा, न कोई आडम्बर, बस मन ही मन एक संकल्प लिया उअर अवितोको का काम शुरू हो गया। इसके बाद लगातार -काम और काम- सामान्य जन से लेकर विशेष वर्ग के लोगों तक, बच्चों से लेकर वृद्धाश्रम मी रह रहे तक। मानसिक रूप से बाधित बच्चों से लेकर जेल में रह रहे बंदियों और उनके बच्चों तक। कला, थिएटर, साहित्य, संस्कृति के माध्यम से। जेल के बच्चे कहते हैं, वे डाक्टर बनेगे, हीरों बनेगी। जेल के बंदी कविताओं के माध्यम से अपने मन की बातें कहते रहे। उनकी कवितायें, हंस, ज्ञानोदय, कादम्बिनी, वागार्थ आदि में प्रकाशित हुई। उनके बनाए चित्र केवल चित्र नहीं, उंकी अभिव्यक्ति के माध्यम रहे हैं। उनके द्वारा खेले गए नाटक में उनके जीवन की dhadakan रही है। उनकी कला kritiyaan अपने जीवन का सुंदर dastaavez हैं। अवितोको का जीवन दर्शन ही है- रंग जीवन, yaanii aart and थिएटर फार all। और ऐसे में ये sabhii sahabhaagii अपने काम से अवितोको के लिए एक naii cunautii लेकर आते रहे हैं। इसी की एक kadii मी नया जुदा है अवितोको के naatakon का pradarshaan। 'अए priye तेरे लिए' usaka pahala नाटक thaa और अभी doosaraa नाटक चल रहा hay- 'Life is not a Dream'। २००७ में finlainD में isakii pahalii प्रस्तुति के बाद mumbai में इसके manchan हुए और अब २९ aprail को इसे rayapur में खेला गया। aalekh v प्रस्तुति छाम्माक्छाल्लो की है और nirdeshak हैं shrii ar एस vikal। raaypur में lagabhag ७०० लोगों के saamane इसे manchit किया गया और sabhii ने एक स्वर से इसे saraha। यह न केवल chhammakachhallo के लिए, varan थिएटr जगत ke lie utsaah kii baat rahii. yah galat saabit huaa ki log thietar नही देखते या dekhana नही चाहते। achchhi chiizen हर कोई chaahataa है।
अवितोको अब अपने इस नए साल में फ़िर से तैयार है- कला, थिएटर varkshaap, नाटक के प्रदर्शन और जेल के बंदियों के लिए अलग-अलग karyakramon के साथ। isamein, उनके साथ srijanatmak kaaryakram के साथ- साथ उन्हें अपने जीवन koo नए svaroop में देखने के बारे में vichaar kiyaa jaaega। उनकी pratibhaaon को saamane लाने के liee karyakram हैं।
अवितोको हर वर्ग से judate हुए अनेक prashikShan karyakramon के साथ भी है। inamein हैं- "Time Management', Self Exploration', Know yourself Better', 'Guilt Management', राजभाषा Management Through self Management' etc.
छाम्माक्छाल्लो को इस बात का संतोष है कि आप sabakaa साथ और sahayog उसके साथ है। डर असल यह usakii अपनी nahiin, एक samaveta prayaas की yaatra है, padaav- डर- padaav तय कराने के silasile हैं।

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