tag:blogger.com,1999:blog-813572674361777059.post3777455164181152522..comments2023-10-25T18:23:00.807+05:30Comments on chhammakchhallo kahis: मारो, मारो, बेटियों को मारो!Vibha Ranihttp://www.blogger.com/profile/12163282033542520884noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-813572674361777059.post-66828709593932983312009-12-25T22:49:13.672+05:302009-12-25T22:49:13.672+05:30"भीष्म के पहले के सात सात बेटों को जनमते ही म..."भीष्म के पहले के सात सात बेटों को जनमते ही मार दिया."<br /><br />बहनजी, कम से कम भीष्म को तो बख़्शो :)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-813572674361777059.post-56572194128119094662009-12-25T12:27:02.769+05:302009-12-25T12:27:02.769+05:30बेटियां डरपोकों के लिए नहीं होती.बेटियां डरपोकों के लिए नहीं होती.Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-813572674361777059.post-84024729681441769272009-12-25T11:54:54.115+05:302009-12-25T11:54:54.115+05:30सादर वन्दे!
क्या कहे इस पोस्ट पर,
इस पोस्ट पर सिर्...सादर वन्दे!<br />क्या कहे इस पोस्ट पर,<br />इस पोस्ट पर सिर्फ सोचा जा सकता है, और समझ में आये तो इसके सार्थक पहलु को अंगीकार भी किया जा सकता है,<br />व्यंग ही सही लेकिन आपने बेटियों के न होने पर वीभत्स समाज का आइना दिखाया है, इस विषय पर आप कि लेखन शैली बहुत ही प्रभावित करती है.<br />रत्नेश त्रिपाठीaaryahttps://www.blogger.com/profile/08420022724928147307noreply@blogger.com